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WiFi Full Form In Hindi:- Hello Friends, तो आज के इस पोस्ट में आप सभी को WI-FI के फुल फॉर्म बताने जा रहा हु तो आप सभी ऐसे भी इंटरनेट पर सर्च करते हैं की WI-FI ka Full Form क्या होता है. तो आप सभी के लिए ये पोस्ट काफी उपयोगी होने बाला है इसलिए आप इस पोस्ट को लास्ट तक पढ़ सकते हैं. क्योंकि WI-FI के फुल फॉर्म के साथ इसके बारे में और भी जानकारी इस पोस्ट में दिया जा रहा है.
आज कल तो इन्टरनेट की दुनिया में आप सभी जानते ही होंगे की WI-FI बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान हो चूका है तो आपको इसके बारे में जानकारी जरुर होना चहिये.
Full Form Of WIFI
आपको बता दें की WI-FI का फुल फॉर्म Wireless Fidelity होता है. WI-FI केबल एक ट्रेडमार्क वाक्यांश है जो केबल एक ब्रांड नेम के लिए यूज होता है.
Wi-Fi का अविष्कार John O’Sullivan और Jhon Deane ने सन 1991 में किया था. यह एक वायरलेस नेटवर्किंग सुबिधा है, जिसे आप WLAN यानि हमलोग Wirelees Local Area Network के नाम से जानते हैं. जिसकी सहायता से आप अपने मोबाइल, लैपटॉप कंप्यूटर और प्रिंटर जैसे कई डिवाइसो को इन्टरनेट और नेटवर्क से जोड़ सकते हैं.
WIFI काम कैसे करता है:-
आप सबी तो इलेक्ट्रोमैग्रेटिक वेव के बारे में जानते ही होंगे जहाँ तरह तरह के वेव्स हैं, फिर चाहे वो रेडियो वेव्स, माइक्रो वेव्स, इंन्फ्रारेड लाइट हो, बिजिबल लाइट हो, अल्ट्रावायलेट लाइट हो, एक्सरे हो, गामा रेस बगेरा हो. लेकिन हम यहाँ पे बाई फाई में काम लेते है रेडियो वेव्स और माइक्रो वेव्स को इन्ही की मदद से हम सिग्नल को हम बाहर भेजेते है. वेव्स तो चलो कुछ हद तक समझ में आता है और हम उसे देख भी नहीं सकते है परंतु सिग्नल जायेगा कैसे हम आखिर क्या भेज रहे है.
जो भी divices हम यूज करते है वो अक्सर binary लैग्वेज को समझता है, तो हम रेडियो और माइक्रो वेव्स की सहायता से उस डाटा जो कंप्यूटर या अन्य किसी divice में process होकर के बाईनरी फोर्मेट होता है तो उसे भेजते है. WI-FI Devices से निकलने बाले वेव्स को देख सकते हैं पर इसी प्रकार से हमारे Wi-Fi devices में सिग्नल निकलता रहा है लौर उसके स्पेसिफिक यूजर तक पहुचता है.
WIFI Frequencies –
एक वायरलेस नेटवर्क की फ्रिक्केंसी लेवल 2.4 GHz या 5 GHz की होती है, जो यूजर द्वारा भेजे जाने बाले डाटा पर निर्भर होती है. 802.11 नेटवर्किंग स्टैंडर्ड का कुछ हद तक यूज़र्स की आवश्यकताओं पर डीपेंड करता है.
- 802.11a नेटवर्क स्टैंडर्ड में 5 GHz की फ्रिकेंसी लेवल पर डाटा ट्रांसमिट होता है. इसमें मैक्सिमम 54 मेगावाट डाटा प्रति सेकंड ट्रांसमिट कर सकते हैं.
- 802.11b नेटवर्क स्टैंडर्ड में 4 GHz की फ्रिकेंसी लेवल पर डाटा ट्रांसिमीत होता है. और यह स्लो स्पीड होता है और इसमें मैक्सिमम 11 मेगाबाट डाटा प्रति सेकंड ट्रांसमिट कर सकते हैं.
- 802.11g नेटवर्क स्टैंडर्ड में 4 GHz की फ्रिकेंसी लेवल पर डाटा ट्रांसमिट होता है. लेकिन इसमें मैक्सिमम 54 मेगाबाट डाटा प्रति सेकंड ट्रांसमिट कर सकते हैं. क्योंकि यह ओएफडीएम कोडिंग का उपयोग करता है.
- 802.11n नेटवर्क स्टैंडर्ड में 5 GHz की फ्रिकेंसी लेवल पर डाटा ट्रांसमिट होता है. और इसमें मैक्सिमम 140 मेगाबाट डाटा प्रति सेकंड ट्रांसमिट कर सकते हैं.
- 11ac नेटवर्क स्टैंडर्ड में 5 GHzकी फ्रिकेंसी लेवल पर 1.3 Gbps की गति से 115 फिट तक काम करता है. आजकल ज्यादातर सभी डीबाइस इसी का प्रयोग करते हैं.
WI-FI एक स्टैंडर्ड है जिस स्टैंडर्ड को हम follow करके computer को wireless network से जोड़ते हैं. आपको बता दें की अभी के समय में जितने भी Smartphone, Laptop, Printer, Computer हैं, इन सभी में एक wi-fi chip लगा होता है, इसके जरिये ही wirleless router से connect करते हैं और इन्टरनेट यूज करते हैं.
WI-FI enable होने के बाद एक बार wireless router से connect हो जाता हैं तब आप internet access कर सकते हैं.
Accessibility:-
- मोबाइल इन्टरनेट डाटा के मुकाबले wi-fi बहुत ही सस्ता पड़ता है. मोबाइल इन्टरनेट डाटा की कीमत wi-fi से कई गुना ज्यादा होती है.
- कम समय में या किसी ही जगह जैसे घरों, hostal, college, या offices के लिए WI-FI एक बेहतर बिकल्प है मोबाइल इन्टरनेट के मुकाबले बहुत सस्ता पड़ता है और इसकी स्पीड भी बहुत अच्छी होती है.
- WI-FI में इन्टरनेट यूज करने की कोई लिमिट नहीं है जबकि मोबाइल इन्टरनेट डाटा पैक लिमिटेड ही होता है. लिमिट से ज्यादा नेट यूज करने पर फ़ोन के बैलेंस में से पैसे भी कट जाते हैं.
WIFI को इस्तेमाल कैसे करें.?
WI-FI प्रयोग करना बेहद आसान है. आप जिस मोबाइल फोन में फाइल साझा करना चाहते हैं तो उसके मोबाइल सेटिंग में WI-FI में जाकर उसे इनेबल कर सकते हैं. अब स्कैनिंग होने के बाद आपने जिस divices में WI-FI इनेबल किया था, उस divices का नाम दिखेगा उस पर आप क्लिक करें.
अब आपके मोबाइल में एक्स्पेक्ट के मैसेज पर क्लिक करें. अब फाइल आपने फोन में ट्रान्सफर होने लगेगी.
WIFI से फायदे
- WI-FI सभी कनेक्टेड divices को हाई स्पीड और अच्छी क्षमता प्रदान करता है.
- सभी divices कम बिजली के यूज पर चलेंगे.
- मोबाइल की बैटरी भी न के बराबर खर्च होगी.
- बहुत ज्यादा भीड़ बाले इलाकों में भी बढ़िया सिग्नल मिलेगा.
- WI-FI में काफी हद तक इन्टरनेट कनेक्शन में सुधार भी किया गया है.
WIFI से नुकसान –
- जब एक ही नेटवर्क में कनेक्टेड की शंख्या बढती जाती तो डाटा ट्रान्सफर रेट कम होता जाता है इसलिए इन्टरनेट की स्पीड कम हो जाती है.
- आपक फिक्स्ड लोकेशन में ही WI-FI को एक्सेस कर सकते हैं. लोकेशन से दूर जाने पर नेटवर्क के स्ट्रेंथ कम हो जाती है.
- WI-FI के जरिये कोई भी सिस्टम में घुस कर आसानी से हैक कर आपका डाटा भी चुरा सकता है. इस टेक्नोलॉजी का यह सबसे बड़ा नुकसान है.
आप तो इस पोस्ट से समझ ही गये होंगे की WI-FI का फुल फॉर्म क्या होता है, लेकिन इस पोस्ट में WI-FI के अलावा इसके बारे में और भी जानकारी दिया गया. तो अगर ये पोस्ट आपको अच्छा लगा हो तो इसे आप शेयर जरुर करें.