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आज बाजार में जिस तरह नई टेक्नोलॉजी से प्रत्येक कार्य सरल तथा तेज हो रहे हैं ठीक उसी तरह पंद्रह सालों (2004) से लगातार भारत में evm (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) मशीन ने भी चुनाव प्रक्रिया को सरल तथा स्पस्ट कर दिया है। जैसा कि हम सभी जानते हैं किसी भी लोकतांत्रिक देश के लिए निष्पक्ष तथा स्वतंत्र चुनाव होने बेहद आवश्यक हैं, क्योंकि लोकतंत्र में जनता द्वारा चुनी गई सरकार ही श्रेष्ठ होती है। साल 1982 में केरल विधानसभा चुनाव में पहली बार भारतीय सरकार ने चुनावों में evm मशीन को लॉन्च कर धांधली-बाजी रोकने के लिए सबसे बड़ा कदम उठाया था। तथा 2004 से लगातार evm के जरिये चुनाव में मतदान किया जा रहा है।
evm क्या है?
आज से कुछ दशक पूर्व भारत मे चुनावी प्रक्रिया काफी कठिन तथा खर्चीली होती थी जिसमें एक तरफ चुनावी नतीजे आने में देरी होती थी। और साथ ही चुनाव में मतपत्रों के लिए कई टन कागज की आवश्यकता होती थी जिसमें अधिक मात्रा में पेड़ो का कटाव किया जाता था जो पर्यावरण के लिए अत्यंत दर्दनीय है। परन्तु समय के साथ evm मशीन ने उस समस्या को आज सुलझा दिया है। evm के आने के बाद न सिर्फ चुनावी नतीजों में तेजी के साथ स्पस्टता भी रहती है। बल्कि इसका मुख्य फायदा यह है कि यह छः बैटरी से चलती है तथा बैटरी डाउन होने पर भी इसका सभी डेटा हार्ड डिस्क में सरंक्षित होता है। जिससे चुनाव के दौरान evm मशीन खराब होने पर पाँच मिनट के भीतर इसे बदला जा सकता है। evm मशीन में दो यूनिट (इकाई) होती हैं। औऱ evm की खोज सार्वजनिक क्षेत्र में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स कारपोरेशन ऑफ इंडिया और इलेक्ट्रॉनिक्स कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने भारतीय निर्वाचन आयोग की मदद से evm को डिज़ायन किया गया। अब हम evm मशीन की कुछ विशेषताओं पर नजर डालते हैं।
आखिर evm मशीन का इस्तेमाल क्यों किया गया?
evm मशीन का इस्तेमाल करना वाकई मतदान प्रक्रिया में बदलाव साबित हुआ है। क्योंकि evm मशीन का उपयोग सिर्फ न सिर्फ साक्षर लोगों के लिए बल्कि निरक्षर लोगों के लिए भी उपयोग करना आसान था। उसके साथ ही पुरानी मतपत्र प्रणाली में काफी समय लगता था जिसका सबसे बड़ा नकरात्मक प्रभाव मतदान करने वालों पर पड़ता था परंतु evm पुरानी मतपत्र प्रणाली की तुलना में तेज तथा सुरक्षित है जिससे जाली वोट तथा अन्य चुनावी धांधली-बाजी से बचा जा सकता है। evm एक डिजिटल form मशीन होती है जिसे तोड़कर या जलाकर ही खराब किया जा सकता है। तथा कई वर्षों तक evm से जुड़ी जानकारियों (तर्क-वितर्क) के बाद 2004 से अब तक भारत के सभी मतदान केंद्रों में evm का इस्तेमाल किया जा रहा है। और इसके साथ ही अन्य देशों के साथ ही भारत एक ई-लोकतंत्र देश बन चुका है। हालांकि आपका यहाँ जानना जरूरी है कि दुनिया के कई विकसित देश जर्मनी, नीदरलैंड आदि evm के स्थान बैलेट पत्र द्वारा चुनाव किये जाते हैं।
evm मशीन की विशेषताएं
- इस मशीन का एक बड़ा फ़ायदा यह है कि इसे उन स्थानों जहाँ अक्सर बिजली की कमी होती है वहाँ आसानी से लगाया जा सकता है। क्योंकि यह evm मशीन बैटरी से चलती हैं।
- evm मशीन को आधुनकि तकनीक से तैयार किया गया है जिससे समय तथा मत-पत्र के प्रिंटिंग खर्च को काफी तक बचाया जा सकता है।
- एक समय मे evm मशीन 3840 वोट दर्ज कर सकती है।
- इसका उपयोग करना काफी सरल है,तथा साथ इस मशीन में मौजूद उपकरण की मदद से इसमें छेड़छाड़ करना सम्भव नहीं है।
- evm मशीन का इस्तेमाल साक्षर व्यक्ति के साथ-साथ निरक्षर व्यक्ति भी आसानी से कर सकते हैं।
- मतदान गति तीव्र होने की स्थिति के कारण इसमें पुरानी मतपत्र प्रणाली के स्थान पर चुनावी नतीजे तेजी से से दिखाने में सक्षम है।
- बैटरी में मौजूद c.u (कंट्रोल यूनिट) का डेटा दस सालों तक सेव रहता है जिस कारण न्यायालय द्वारा पुनर्गणना की स्थिति में इसे दोबारा चेक किया जाता है जिसमें सभी पिछले परिणाम show हो जाते हैं।
- इसके साथ ही evm मशीन के इस तथ्य के बारे में जानना जरूरी है जिसके अनुसार किसी चुनाव क्षेत्र में निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों की संख्या चौसठ से अधिक हो जाये तो वहाँ evm मशीन का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। इस स्थिति में वहाँ मत पत्र का उपयोग कर पुरानी चुनाव प्रणाली का इस्तेमाल किया जा सकता है।
हमें उम्मीद है आज का यह लेख evm क्या है? की मदद से हम आपको कुछ नई जानकारी देने में सफल होंगे। यह लेख आपको कैसा लगा, आप अपने किसी भी सवाल को बेहिचक कमेंट कर बता सकते हैं।